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 अमिताभ बच्चन [ तब के और आज के ]

     











                                   
                             
   

 

 बॉलीवुड के हिंदी सिनेमा जगत में कई कलाकारों ने अभिनेता बनने का बड़ा स्वप्न थामे सिनेमा के सिल्वर स्क्रीन पर पदार्पण किया।अपनी कड़ी मेहनत और अनगिनत संघर्षों के पश्चात उन्हें एक स्थापित अभिनेता का दर्जा प्राप्त करने में सफलता मिली है। उस दशक के लोकप्रिय अभिनेता समय के चक्र में दर्शकों के मनों से बोझल हो गए। उनका स्थान फिल्मों में पदार्पण कर चुके नए अभिनेताओं ने ले लिया है।

                  हिंदी सिनेमा का यही इतिहास है कोई अभिनेता सदा के लिए स्टार नहीं रहता।  एक ना एक दिन अपनी बढ़ती आयु या उनकी मांग घट जाने से उनका नाम सिनेमा के रिकॉर्ड के इतिहास में या फिर फिल्मफेयर अवार्ड की सूचि में नजर आता है। 

                  हर दशक किसी न किसी अभिनेता के नाम से दर्ज है। इसी सिनेमा नगरी में अपने दशक के लोकप्रिय अभिनेता का इतिहास बनानेवाले अभिनेताओं में  राजकपूर, दिलीप कुमार, देवानंद, धर्मेंद्र, सुनील दत्त, राजेश खन्ना और जीतेन्द्र का नाम उल्लेखनीय है इनमे एक और नाम है जो सदबहार अमिताभ बच्चन का है जो आज भी अपनी व्यस्तता के चलते सिनेमा के स्क्रीन से दर्शकों के बीच मौजूद है। 

अभिनेता राजकपूर,दिलीप कुमार,देवानंद, धर्मेंद्र, सुनील दत्त, राजेश खन्ना और जीतेन्द्र
 

राजकपूर [ 1924 - 1988 ] : -

                    राजकपूर ने सिनेमा के सिल्वर स्क्रीन पर केवल ग्यारह वर्ष की आयु में सं. 1935 में फिल्म '' इंकलाब '' से पदार्पण किया था। राजकपूर ने फिल्मों में अभिनेता के आलावा चरित्र भूमिकाओं के साथ - साथ फिल्म निर्माण तथा निर्देशन भी किया है।

                    सं. 1948 में बनी फिल्म '' आग '' उनकी सफलता की पहली सीढ़ी साबित हुई। कारण इस फिल्म के वे नायक, निर्माता और निर्देशक स्वयं थे। उन्होंने अपना खुद का स्टूडियो भी स्थापित किया था। जिसको हम आर. के. स्टूडियो के नाम से जानते है। 

                      ' द ग्रेटेस्ट शोमैन ' की कुछ फ़िल्में इस तरह है ------

1] सं.1947 में '' नीलकमल '' 2] सं.1948 में '' गोपीनाथ '' 3] सं. 1948 में '' अमर प्रेम '' 4] सं.1949 में '' बरसात '' 5 ] सं.1950 में बावरे नयन '' 6] सं. 1950 में '' दास्तान '' 7] सं.1950 में '' भँवरा '' 8] सं.1951 में '' आवारा '' 9] सं. 1952 में '' अनहोनी '' 10] सं.1953 में ''आह '' 11] सं.1954 में '' बूट पोलिश '' 12] सं.1955 में '' श्री 420 '' 13] सं.1956 में '' चोरी - चोरी '' 14] सं.1956 में '' जागते रहो '' 15] सं.1958 में '' फिर सुबह होगी '' 16] सं. 1959 में '' कन्हैया  '' 17] सं.1966 में '' तीसरी कसम '' 18] सं.1967 में '' दीवाना ''  

                     इन फिल्मों के आलावा राजकपूर ने कई अन्य फिल्मों में भूमिकाएं निभाई है। परन्तु एक अभिनेता के रूप में फिल्म '' मेरा नाम जोकर '' उनकी अंतिम फिल्म  है। 

दिलीप कुमार [ 1922 - 2021 ] : -

                    हिंदी सिनेमा के ट्रेजेडी किंग के नाम से विख्यात दिलीप कुमार को सिनेमा के इतिहास में एक श्रेष्ठ अभिनेता माना जाता है। उनका वास्तविक नाम मुहम्मद युसूफ खान था। साठ के दशक के लोकप्रिय अभिनेता दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसम्बर 1922 में पाकिस्तान स्थित पेशावर में हुआ था। 

                    सं.1995 में '' दादा साहेब फाल्के '' पुरस्कार से सन्मानित दिलीप कुमार का फिल्मों में पदार्पण सं.1944 की फिल्म '' ज्वार भाटा '' से हुआ। इसके के पश्चात सं.1947 में प्रदर्शित फिल्म '' जुगनू '' से उन्हें लोकप्रियता मिलने लगी। 

हिंदी सिनेमा में दिलीप कुमार की कुछ फ़िल्में : -

    1] सं.1946 में '' मिलन '' 2] सं.1948 में '' नदिया के पार, '' '' शहीद ,'' '' मेला '' और '' गरीब की इज़्ज़त,'' '' अनोखा प्यार '' 3] सं.1949 में '' अंदाज़ '' 4] सं.1950 में '' आरजू '' 5] सं.1951 में '' हलचल,'' '' दीदार '' और '' तराना '' 6] सं.1952 में '' संगदिल '', '' दाग़ '' और '' आन '' 7] सं. 1954 में '' अमर '' 8] सं.1955 में '' देवदास, '' '' आज़ाद '' और '' इंसानियत '' 9] सं. 1960 में '' कोहिनूर '' और '' मोगले आज़म '' 10] सं.1961में '' गंगा जमुना '' और '' लीडर '' 11] सं. 1966 में '' दिल दिया दर्द लिया '' 12] सं.1967 में '' राम और श्याम, '' '' आदमी '' और '' संघर्ष  '' 13] सं.1970 में '' गोपी '' 14] सं.1972 में '' दास्तान '' 15] सं.1974 में '' सगीना '' 16] सं.1976 में '' बैराग '' 17] सं.1981 में '' क्रान्ति '' 18] सं.1982 में '' विधाता '' 19] सं. 1986 में '' कर्मा '' और सं.1991 में '' सौदागर '' तथा इन फिल्मों के अतिरिक्त कई फ़िल्में है। 

                 हिंदी सिनेमा में करीब 100 फिल्मों का योगदान कर 7 जुलाई 2021 में ट्रेजेडी किंग ने 98 वर्ष की आयु में अपनी अंतिम साँसे ली। इस तरह साठ के दशक के स्टार के युग का  अंत हो गया। 

देवआनंद  [ 1923 - 2011 ] : - 

                               हिंदी सिनेमा के निर्माता, लेखक, निर्देशक और मूलरूप से एक लोकप्रिय अभिनेता देवआनंद ने हिंदी सिनेमा में अनगिनत फिल्मों में अभिनय करते हुए एक फिल्म प्रोडक्शन हाउस भी बनाया था, जिसका नाम '' नवकेतन फिल्म्स '' है।

                   देवआनंद का वास्तविक नाम धरमदेव पिशोरीमल आनंद था। उनका जन्म 26 सितम्बर 1923 में पाकिस्तान में स्थित गुरदासपुर के शकरगढ़ में हुआ था। उनका बतौर अभिनेता रूप में फिल्म '' जिद्दी '' से फिल्मों में आगमन हुआ था। 

                   देवआनंद ने अपनी पहली रंगीन फिल्म '' गाइड '' सं.1965 में प्रदर्शित की थी। उनकी सफल फिल्मों में '' टैक्सी ड्राइवर'', '' मुनीमजी '', '' पेइंग गेस्ट '' और सी. आई. डी. लोकप्रिय हुई। 

देवआनंद की कुछ फिल्मों की फेरिस्त : -                                    

 1] सं.1953 में '' पतिता '' 2] सं.1954 में '' टैक्सी ड्राइवर '' 3] सं. 1955 में '' हाउस नंबर 44 '' 4] सं.1956 में '' सी. आई. डी.'' 5] सं.1957 में '' पेइंग गेस्ट '' 6 ] सं.1957 में '' नौ दो ग्यारह '' 7] सं.1958 में '' कला पानी '' 8] सं. 1960 में '' काला बाज़ार '' 9] सं.1961 में '' हम दोनों '' 10] सं. 1967 में '' ज्वेल थीफ '' 11] सं.1970 में '' प्रेम पुजारी '' 12] सं.1974 में '' आमिर गरीब '' 13] सं.1978 में '' देस परदेस '' और सं.1982 में '' स्वामी दादा '' के आलावा कई और फ़िल्में है। 

                  देवआनंद का निधन हृदयाघात से 3 दिसम्बर 2011 को लंदन में हुआ। उन्होंने तक़रीबन 150 से अधिक फिल्मों में काम किया है। 

धर्मेंद्र  [ 8 दिसम्बर 1935 ] : -

               हिंदी सिनेमा के HI -MAN समझे जानेवाले अभिनेता धर्मेंद्र ने पांच दशकों से अभिनेता के रूप में हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय के द्वारा दर्शकों में अपना एक अलग रुतबा बनाया है। अपने लम्बे फ़िल्मी कैरियर के दौरान उन्होंने करीब तीन सौ फ़िल्में की है। 

             धर्मेंद्र का वास्तविक नाम धरम सिंह देओल है। उनका जन्म 8 दिसम्बर 1935 को एक जाट परिवार में लुधियाना के पखोवाल तहसील के दनगांव में हुआ है। उन्होंने सं.1960 में अर्जुन हिंगोरानी की फिल्म '' दिल भी तेरा हम भी तेरे '' से अपना फ़िल्मी कैरियर शुरू किया है। 

              उनकी प्रमुख फिल्मों में '' दिल ने फिर याद किया [ 1966 ],'' पूजा के फूल '' [ 1964 ] तथा ''आई मिलान की बेला '' आदि फ़िल्में है। 

धर्मेंद्र की कुछ लोकप्रिय फ़िल्में : -  

  1] सं.1963 में '' बंदिनी '' 2] सं.1964 में '' हकीकत '' 3] सं.1964 में '' गंगा की लहरें '' 4] सं.1965 में '' नीला आकाश '' 5] सं.1965 में '' काजल ''  6] सं.1966 में '' फूल और पत्थर '' 7] सं.1966 में '' ममता '' 8] सं. 1966 में '' अनुपमा '' 9] सं.1966 में '' देवर '' 10] सं.1967 में '' जब याद किसी की आती है '' 11] सं.1968 में '' मेरे हमदम मेरे दोस्त '' 12] सं.1969 में '' सत्यकाम '' 13] सं.1969 में '' खामोशी '' 14] सं.1970 में '' शराफत '' 15] सं.1970 में '' जीवन मृत्यु '' 16] सं.1971 में '' मेरा गांव मेरा देश '' 17] सं.1972 में '' सीता और गीता '' 18] सं.1973 में '' यादों की बरात '' 19] सं. 1981 में '' आस पास ''और सं. 2011 में '' यमला पगला दीवाना।  ''

सुनील दत्त  [ 1929 - 2005 ] : -                         

            दक्षिण एशिया में सबसे अधिक सुने जानेवाले रेडियो सिलोन पर एक उद्घोषक के रूप में कार्य करनेवाले प्रसिद्ध अभिनेता सुनील दत्त को सं. 1957 में प्रदर्शित एवं चर्चित फिल्म '' मदर इंडिया '' से सफलता मिलती चली गई। सुनील दत्त को हिंदी सिनेमा के विख्यात अभिनेता, निर्माता और निर्देशक के रूप में जाना जाता है। 

             सुनील दत्त का वास्तविक नाम बलराज दत्त था। उनका जन्म 6 जून 1929 को पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में स्थित झेलम जिले के नाका खुर्द में हुआ था। सं.1955 में निर्मित फिल्म '' रेलवे स्टेशन '' से उन्होंने अपना फ़िल्मी कैरियर शुरू किया था। 

              उनकी महत्वपूर्ण फिल्मों में सं. 1958 की फिल्म '' साधना '' सं. 1959 की फिल्म '' सुजाता '' सं.1963 की फिल्म '' मुझे जीने दो '' सं.1963 की फिल्म '' गुमराह '' सं 1965 की फिल्म '' वक़्त ''और सं.1965 की फिल्म '' खानदान '' है। 

सुनील  दत्त की और फ़िल्में इस प्रकार है : -   

1] सं.1967 में '' मिलन '' 2] सं.1967 में '' हमराज '' 3] सं.1968 में '' साधू और शैतान '' 4] सं.1974 में '' गीता मेरा नाम '' 5] सं.1974 में '' प्राण जाए पर वचन न जाए '' 6] सं.1975 में '' ज़ख़्मी '' 7] सं.1975 में '' उम्र कैद '' 8] सं.1976 में '' नागिन '' 9] सं.1976 में '' नहले पे दहला '' 10] सं.1979 में '' जानी दुश्मन '' 11] सं.1980 में '' शान '' 12] सं.1984 में '' राज तिलक ''

                   सुनील दत्त का 25 मई 2005 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 

राजेश खन्ना  [ 1942 - 2012 ] : -      

                   भारतीय हिंदी सिनेमा के इतिहास में सत्तर के दशक में दर्ज बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार और उस दौर के दर्शकों के पसंददीदा अभिनेता राजेश खन्ना जिन्हे काका के नाम से भी जाना जाता था। उन्होंने सिनेमा जगत को अनगिनत लोकप्रिय फ़िल्में दी है।

                  राजेश खन्ना का जन्म 29 दिसम्बर 1942 में अमृतसर में हुआ था।उनका वास्तविक नाम जतिन अरोरा था। इसी फिल्मी दुनिया में राजेश खन्ना का बचपन का सहपाठी भी एक प्रसिद्ध अभिनेता है। वो कोई और नहीं बल्कि अभिनेता जीतेन्द्र है। 

                   राजेश खन्ना ने सं.1966 में बनी फिल्म '' आख़िरी खत '' से फिल्मों में पदार्पण किया। उनको बुलंदियों पर पहुंचाने का श्रेय सं. 1969 की फिल्म '' आराधना '' को जाता है। 

                   वैसे प्रथम सुपरस्टार राजेश खन्ना की फिल्मों की फेरिस्त सदाबहार अभिनेता अमिताभ बच्चन की फिल्मों की फेरिस्त से कहीं अधिक बड़ी है। सं.1973 में निर्देशक हृषिकेश मुखर्जी की फिल्म '' नमक हराम '' से पहले के सुपरस्टार का अस्त होना प्रारम्भ हो गया वहीं भविष्य के महानायक का उदय होने लगा था। 

राजेश खन्ना की चुनिंदा फिल्मों की फेरिस्त : -

 1] सं.1969 में '' दो रास्ते '' 2] सं.1971 में '' कटी पतंग '' 3] सं.1971 में '' आन मिलो सजना '' 4] सं.1972 में '' दुश्मन '' 5] सं.1971में '' हाथी मेरे साथी '' 6] सं.1972 में '' अमर प्रेम '' 7] सं.1972 में '' मेहबूब की मेहंदी '' 8] सं.1972 में '' अपना देश '' 9] सं.1972 में '' मेरे जीवन साथी '' 10] सं.1973 में '' दाग़ '' 11] सं.1974 में '' अजनबी '' 12] सं.1974 में '' प्रेम नगर '' 13] सं.1974 में '' आप की कसम '' 14] सं.1976 में '' महबूबा '' 15] सं.1977 में '' अनुरोध। '' 

                       प्रथम सुपरस्टार राजेश खन्ना कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे।  उनका स्वास्थ नरम - गरम होता रहा। इसके लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वास्थ ठीक होने के समाचार के बजाय 18 जुलाई 2012 को उनके निधन का समाचार मिलते ही फ़िल्मी दुनिया के साथ साथ उनके प्रशंसकों पर दुःखों का पहाड़ गिर गया। 

जीतेन्द्र  [ 7 अप्रैल 1942 ] : -

                        हिंदी सिनेमा जगत में अस्सी के दशक में अधिकतर दक्षिण के फिल्म निर्माताओं की फिल्मों से अपने अलग अंदाज़ के नृत्यों से हिंदी सिनेमा में लोकप्रियता पानेवाले अभिनेता जितेन्द्र को कौन नहीं जनता ?  

                     जितेन्द्र का असली नाम रवि कपूर है। उनका जन्म 7 अप्रैल 1942 में पंजाब के अमृतसर में एक पंजाबी खत्री परिवार में हुआ है। जितेन्द्र को फिल्मों में सबसे पहले ब्रेक देनेवाले वी. शांताराम थे। उन्होंने सं. 1964 में अपनी फिल्म '' गीत गाया पत्थरों ने '' में जितेन्द्र को लिया, इसके बाद सं.1967 में भी फिल्म '' बून्द जो बन गए मोती '' में अवसर दिया। 

जितेन्द्र की फिल्मों में : -

1] सं.1967 में '' फ़र्ज़ '' 2] सं.1968 में '' मेरे हुज़ूर '' 3] सं.1969 में '' जीने की राह '' 4] सं.1970 में '' खिलौना '' 5] सं.1970 में '' हमजोली '' 6] सं. 1970 में '' नया रास्ता '' 7] सं.1971 में '' एक हसीना दो दीवाने '' 8] सं. 1972 में '' भाई हो तो ऐसा '' 9] सं.1972 में '' परिचय '' 10] सं.1973 में '' गहरी चाल '' 11] सं.1975 में '' खुशबु '' 12] सं.1977 में '' धरमवीर '' 13] सं.1977 में '' एक ही रास्ता। ''

                   सदाबहार महानायक अमिताभ बच्चन                

      

अमिताभ की डबल सेंचुरी

           बॉलीवुड की फिल्मी दुनिया में आज के सुपरस्टार एवं महानायक की उपाधि से जाने जानेवाले अमिताभ बच्चन ने हिंदी सिनेमा के जरिये अपने अभिनय का लोहा मनवाया है। 

          टेलीविज़न पर प्रसारित होनेवाले '' कौन बनेगा करोड़पति '' की आवाज कानों पर पड़ते ही दर्शक टी. वी. से जकड जाते है। सत्तर के दशक से लोकप्रियता की मंजिल चढ़ते ही चले गए फिर कभी उन्होंने पीछे मुड़कर देखा नहीं है। 

          अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर 1942 में उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में विख्यात साहित्यकार हरिवंशराय बच्चन के घर में हुआ। जैसे पिता ने अपनी एक रचना '' मधुशाला '' से ख्याति प्राप्त की उसी तरह अमिताभ ने अपने अभिनय के द्वारा लोकप्रियता की मंजिल तय की। 

           अमिताभ ने सं.1969 में ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म '' सात हिन्दुस्तानी '' से अपना फ़िल्मी कैरियर शुरू किया। सं.1973 में प्रकाश मेहरा की '' ज़ंजीर ''  फिल्म सीधे - साधे से अमिताभ के अभिनय के चरित्र को बदलने वाली फिल्म साबित हुई। यहीं से अमिताभ में ' एंग्री यंग मेन ' घुलमिल गया। 

            फिल्म '' ज़ंजीर '' में जो इंस्पेक्टर विजय खन्ना का चरित्र था, वह चरित्र जैसे अमिताभ बच्चन की परछाई बन गया। अमिताभ बच्चन ने हिंदी सिनेमा जगत को अनगिनत लोकप्रिय फ़िल्में दी है। कई पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त किये है। यहां पर उनकी कुछ एक फिल्मों की सूचि देखें ----

 1] सं.1971 में '' पिया का घर '' 2] सं.1972 में '' बॉम्बे टू गोवा '' 3] सं. 1973 में '' बंधे हाथ  '' 4] सं.1973 में '' गहरी चाल '' 5] सं.1973 में '' अभिमान '' 6] सं.1974 में '' कसौटी '' 7] सं.1974 में '' बेनाम '' 8] सं. 1974 में '' मजबूर '' 9] सं.1975 में '' दीवार '' 10] सं.1975 में '' शोले '' 11] सं.1975 में '' मिली '' 12] सं.1976 में '' दो अनजाने '' 13] सं.1976 में '' हेरा फेरी '' 14] सं.1977 में '' खून पसीना '' 15] सं.1979 में ''परवरिश '' 16] सं.1978 में '' त्रिशूल '' 17] सं.1978 में '' डॉन '' 18] सं.1979 में '' सुहाग '' 19] सं.1980 में '' दोस्ताना '' 20] सं. 1980 में '' शान। ''