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अभिनेता जीतेन्द्र तब और आज

                     हिंदी सिनेमा के एक ऐसे अभिनेता है जिन्होंने 1959 में निर्माता - निर्देशक वी. शांताराम की फिल्म " नवरंग " से हिंदी सिनेमा की फिल्मों में पदार्पण किया था। आज अपने नृत्य कौशल से अनेक हिट फ़िल्में देनेवाले अभिनेता जीतेन्द्र को कौन नहीं जानता ?

              बॉलीवुड के इतिहास में अभिनेता जीतेन्द्र के नाम साउथ की 80 रीमेक फिल्मों में अभिनय करने का रिकॉर्ड मौजूद है। इन फिल्मों में अपने डांसिंग स्टाइल से हजारों प्रशंसक बनाये है। 

               1964 में फिल्म " गीत गाया पत्थरों ने ", फिल्म " मेरे हुजूर [1968]. फिल्म " खिलौना " [1970], फिल्म "परिचय" [1972], फिल्म बदलते रिश्ते " और फिल्म " आशा '' [1980] इन फिल्मों का उनकी सफलता में बहुत बड़ा योगदान है। 

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1964 में प्रदर्शित जीतेन्द्र की पहली फिल्म " गीत गाया पत्थरों ने " का पोस्टर
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1972 में प्रदर्शित फिल्म " परिचय " का पोस्टर
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1980 में प्रदर्शित फिल्म "आशा " का पोस्टर


जन्म और फिल्म की ओर 
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          अभिनेता जीतेन्द्र का वास्तविक नाम रवि कपूर है। उनके पिता का नाम हरीश कपूर था। उनका जन्म 7 अप्रैल 1942 में एक पंजाबी खत्री परिवार में हुआ जिनका नकली आभूषणों का व्यापार था। उनका परिवार उस दौर में एक चॉल में रहता था। 

        परिवार के व्यापार के चलते 1959 में निर्माता - निर्देशक वी. शांताराम की फिल्म " नवरंग " के लिए आभूषणों के व्यवहार में ही जीतेन्द्र को अभिनेत्री संध्या के डबल रूप में लिया गया था। 

जीतेंद्र को पहला बड़ा ब्रेक : - 

            जीतेंद्र को पहला बड़ा ब्रेक1964 में  वी. शांताराम की फिल्म " गीत गाया पत्थरों " से  और 1967 में फिल्म " बूंद जो बन गई मोती " से मिला। हालाँकि, जीतेन्द्र को अच्छी बैनरवाली फिल्मों से ब्रेक मिला है। परन्तु उनकी कामयाबी की सीढ़ी तो 1967 में निर्देशक रविकांत नगाइच की फिल्म " फर्ज " बनी है।

            इस फिल्म में विख्यात पार्श्वगायक मोहम्मद रफ़ी ने गाया  गाना " मस्त बहारों का मै आशिक " याद आया ही होगा। हाँ ! इस गीत के लिए सफ़ेद जूते तथा टी शर्ट उन्होंने खासकर अपनी पसंद से पहना था। उस तरह का ड्रेस जैसे उनका ट्रेड मार्क ही बन चूका है। 

          फिल्म "फर्ज" के पश्चात 1970 में टी. आर. रमन्ना द्वारा निर्देशित फिल्म " हमजोली " और 1971 में नासिर हुसैन द्वारा निर्देशित फिल्म " कारवाँ " में उनके अधिक डांस होने के कारण जीतेन्द्र ने इसका भरपूर लाभ उठाया, जिस कारण '' बॉलीवुड का जंपिंग जैक " का विशेषण उनके नाम से जुड़ गया।      

शिक्षा एवं विवाह : - 

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                                 जीतेन्द्र की पत्नी शोभा कपूर और जीतेन्द्र उर्फ़ रवि कपूर
             अभिनेता जीतेन्द्र ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई स्थित सेंट सेबेस्टियन गोवा हाईस्कूल से की है। यहाँ पर एक विशेष बात यह बतानी है कि सत्तर के दशक में सुपर स्टार बने राजेश खन्ना उस समय उनके सहपाठी थे। 

               जीतेन्द्र एक्टर  ने सेंट सेबेस्टियन गोवा हाईस्कूल से अपनी शिक्षा पूर्ण कर वहीं मुंबई में सिद्धार्थ कॉलेज से स्नातक बने। उनके विवाह का भी एक रोचक किस्सा है। जीतेन्द्र का परिचय शोभा नामक युवती से तब हुआ था ,जब शोभा मात्र 14 वर्ष की ही थी। 

                 शोभा उस समय अपनी पढ़ाई कर रही थी। अपनी पढ़ाई पूर्ण कर शोभा ने ब्रिटिश एयरवेज में एयर होस्टेज के रूप में कार्यरत हो गयी। 1960 - 66 में जीतेन्द्र अपने आप को एक अभिनेता के रूप में स्थापित करने संघर्ष कर रहे थे। उस समय वे शोभा के साथ रिश्ते में थे। इस दौरान शोभा उनकी एक प्रेमिका मात्र थी।

                   जीतेन्द्र ने शोभा को वचन दिया था कि निर्माता-निर्देशक एल.वी. प्रसाद की फिल्म "बिदाई" रिलीज़ होते ही विवाह करूँगा। आखिरकार 9 अक्टूबर 1974 को फिल्म रिलीज़ हो गयी। 31 अक्टूबर 1974 को जीतेन्द्र तथा शोभा विवाह के अटूट बंधन में बंध गए। उनका विवाह बहुत ही सादगी भरा था, जिसमे हिन्दी सिनेमा से गुलजार, राजेश खन्ना और संजीव कुमार जैसे अभिनेता मौजूद थे।
                          आज उनकी दो संताने है। उनमे से बड़ी बेटी एकता कपूर है और दूसरा बेटा तुषार कपूर । दोनों भी बॉलीवुड से जुड़े है।

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एकता कपूर

एकता कपूर : - एकता कपूर का जन्म 19 जून 1975 में हुआ। वे बालाजी टेलीफिल्म्स की प्रबंध निदेशिका है। उनकी बालाजी टेलीफिल्म्स ने अनेक लोकप्रिय धारवाहिकों का निर्माण किया है। जिनमे - क्यों कि सास भी कभी बहु थी ", कसौटी जिंदगी की "," बड़े अच्छे लगते है " और " घर घर की कहानी " शामिल है।


पूरा परिवार एक फिल्म में : - 

              निर्मात्री एकता कपूर के साथ उनकी माताजी शोभा कपूर भी शामिल है। उनके द्वारा 2003 में एक थ्रिलर फिल्म "कुछ तो है" में जीतेन्द्र तथा उनके बेटे तुषार कपूर ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

        

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 अभिनेता तुषार कपूर 
        तुषार कपूर :- तुषार कपूर का जन्म 20 नवम्बर 1976 को मुंबई में हुआ है। उन्होंने अपनी पढ़ाई यू. एस. ए. की यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन से पूर्ण की है।   

 तुषार कपूर ने 2001  में  " मुझे कुछ कहना है " की भारतीय हिंदी सिनेमा  की रोमांस फिल्म से फिल्मों में पदार्पण किया था।  सतीश कौशिक द्वारा निर्देशित और वाशु भगनानी द्वारा निर्मित है।जिसमें करीना कपूर के साथ अभिनय किया था।

        तुषार की अन्य फिल्मों में " गोलमाल अगेन ", " क्या कूल है हम ", " शूट एट वडाला ", " चार दिन की चांदनी ", " गोलमाल -3 " और " गुड बॉय बैड बॉय " जैसी अनेक फिल्मों में नजर आते है। 

जीतेन्द्र बने कई अभिनेत्रियों के हीरो : - 

           जीतेन्द्र ने अपने फ़िल्मी सफर में अनगिनत जानेमानी अभिनेत्रियों के साथ फिल्मों में हीरो की भूमिका निभाई है, जिनमे  1] हेमा मालिनी , [2] सायराबानो, [ 3] माला सिन्हा, [4] मुमताज, [5] नंदा, [6] शर्मीला टैगोर, [7] आशा पारेख, [8] बबिता, [9] मौसमी चटर्जी, [10] रीना रॉय, [11] जयप्रदा, [12] श्रीदेवी, [13] कोमल, [14] रेखा, [15] परवीन बाबी, [16] नीतू सिंह, [17] शबाना आज़मी, [18] पद्मिनी कोल्हापुरे, [19] भानुप्रिया, [20] माधवी, [21] अनीता राज, [22] संगीता बिजलानी और [23] अश्विनी भावे।

बॉक्सऑफिस पर  जीतेन्द्र की  हिट फ़िल्में : -                                   

                                एक्टर रवि कपूर  की कुल 226 फ़िल्में है उनमे से 121 फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट रही, जबकि 102 फ़िल्में फ्लॉप रही। हिट फिल्मों की सूचि में 1964 में फिल्म " गीत गाय पत्थरों ने ", 1967 में " फर्ज ", 1968  " सुहागरात ", " 1968 परिवार ", 1968  " मेरे हुज़ूर ", 1968 " औलाद ", 1969 " वारिस " 1969 " विश्वास ", 1969 ' ज़िगरी दोस्त ",  1969 " जीने की राह ", 1969 " धरती कहे पुकार के ", 1970 " हमजोली ",1970 " खिलौना ", 1971 " एक नारी एक ब्रह्मचारी ",1971 " कारवाँ ",1971 " बनफूल ", 1972 " एक हसीना दो दीवाने ", 1972 " भाई हो तो ऐसा ", 1972 " परिचय ", 1973 " जैसे को तैसा " और 1973 " अनोखी अदा " जैसी और फ़िल्में है।

रवि कपूर की फ्लॉप फ़िल्में : -  

                       1990 " अमीरी गरीबी ", " हातिम ताई ", " शेषनाग ", 1991 " बेगुनाह ", " सपनो का मंदिर ", " माँ ", 1992 " इन्साफ की देवी ", " जय काली ", " यह रात फिर ना आएगी ", " सोने की लंका ", " रिश्ता तो हो ऐसा ",1993 आज की औरत ", " भूकंप ", " खल नायिका ", आंसू बने अंगारे ", " संतान ", " तहकीकात ", 1994 " चौराहा ", 1995  " जमाना दीवाना ", " हम सब चोर है ",1997 " महानता " और 2003 में फिल्म " कुछ तो है "  

एक्टर जीतेन्द्र के पुरस्कार  : -

  • 1998 में 18 वें उजाला सिनेमा एक्सप्रेस अवार्ड्स में गेस्ट ऑफ हॉनर अवार्ड। 
  • 2002 में न्यूयॉर्क में जी गोल्ड बॉलीवुड मूवी अवार्ड्स में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड। 
  • 2003 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड। 
  • 2004  में अटलांटिक सिटी [संयुक्त राज्य अमेरिका ] में "लीजेंड ऑफ इंडियन सिनेमा " पुरस्कार। 
  • 2005 में स्क्रीन लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड। 
  • 2008  में सैन्सुई टेलीविज़न लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड। 
  • 2012 में जी सिने द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड। 
  • 2012 में  सर्वाधिक सदाबहार रोमांटिक हीरो के लिए लायंस गोल्ड अवार्ड। 

एक्टर रवि कपूर उर्फ़ जीतेन्द्र की आखरी फिल्म : - 

             1975 में एम. एम. मल्होत्रा द्वारा निर्मित एवं ए. सलाम द्वारा निर्देशित " आखरी दाव " फिल्म है। इस फिल्म में जीतेन्द्र के आलावा सायरा बानो, डैन्नी डेन्जोंगप्पा, पदमा खन्ना, रणजीत, रमेश देव जैसे कलाकार थे। इस फिल्म को सलीम - जावेद ने लिखा था। फिल्म को लक्ष्मीकांत - प्यारेलाल ने संगीत दिया था।     

             आज अभिनेता जीतेन्द्र की आयु 81 वर्ष की है। फिर भी वे यदा कदा कपिल शर्मा के '' कॉमेडी नाइट्स विथ कपिल '' में नजर आते है।  दर्शक आशा करते है कि सदा उनका स्वास्थ अच्छा रहे और दर्शकों के आगे नजर आते रहे।